प्रथम जिल्द में 72 प्रसगं है जो तक़्लीद और ईज्तेहाद के विषय के बारेमें रखता है।
2.
यह किताब कई जिल्द की है जिस में से प्रथम जिल्द ईज्तेहाद और तक़्लीद के समपर्कित गुफ्तगु की गई है।
3.
प्रथम जिल्द में 404 पृष्ठ है और दूसरी जिल्द में 528 पृष्ठ है जो शेष बार कि तरह बैरुत में दारुल उलूम की तरफ़ से प्रकाशित हूई है।
4.
प्रथम जिल्द आप कर्बला मुआल्ला में तालीफ़ कि है 1382, और इस जिल्द मात्र 468 पृष्ठ के साथ चाप हूई है और दूसरी जिल्द 534 पृष्ठ है जो कई बार छपि है लेकिन प्रथम बार की तरह पवित्र शहर नजफे अशरफ में छपि है 1382 हिजरी।
5.
(अल् बहज़ियाहूल मर्जियाह फि शर्हुल अल्फियाह) इस किताब को अस्ल लिख़ने वाला अल्लमा जलाल ऊद्दीन सीयूती, जो तमाम हौज़े और कलेज में दरस वाली किताब के हिसाब से मशहूर है, प्रथम जिल्द में आप कर्बला मुअल्ला 15 शाबान 1386 हिजरी क़मरी में हाशिया लागाएं जो 454 पृष्ठ पर है, और दूसरी जिल्द 444 पृष्ठ का है, यह किताब ज्ञानि और मुनीषी व्यकित्व के दर्मियान मशहूर होने के कारण से कई बार छपाना पढ़ा।